काला धान की खेती कैसे करे इससे सम्बंधित जानकारी
यदि आप खेती कर लाखो की कमाई करना चाहते है, तो यहाँ पर आपको एक ऐसी खेती के बारे में बताया जा रहा है | जिसकी फसल उगाकर आप मोटी कमाई की जा सकती है |
इसे काला चावल (Black Rice) कहते है | वर्तमान समय में काले चावल की मांग में बढ़ोतरी देखने को मिली है| सर्वप्रथम काले धान का उत्पादन चीन में शुरू हुआ | किन्तु भारत में काले चावल का उत्पादन सबसे पहले मणिपुर, सिक्किम और असम राज्य में हुआ |
Contents
- 1 काला धान की खेती कैसे करे इससे सम्बंधित जानकारी
- 1.1 काला धान के प्रमुख गुण (Black Rice Properties)
- 1.2 काला चावल के फायदे (Black Rice Benefits)
- 1.3 काला चावल के नुकसान (Black Rice Disadvantages)
- 1.4 काले चावल की खेती में बीज की लागत (Black Rice Cultivation Seed Cost)
- 1.5 काला धान की बुवाई का तरीका (Black Paddy Sowing)
- 1.6 काला नमक चावल का मूल्य (Black Salt Rice Price)
लेकिन अब देश के कई इलाको में काले चावल की खेती की जाने लगी है | काले चावल में कई औषधीय गुण पाए जाते है, जो स्वास्थ के लिए काफी लाभकारी है | यदि आप भी काले धान की खेती में दिलचस्पी ले रहे है, तो इस लेख में आपको काला धान की खेती कैसे करे, काला नमक चावल का मूल्य, फायदे और नुकसान क्या है के बारे बता रहे है |
काला धान के प्रमुख गुण (Black Rice Properties)
काले चावल में कॉफी और चाय की तुलना में अधिक मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है, जिस वजह से यह स्वास्थ संबंधित कई बीमारियों के लिए लाभकारी होता है | उच्च मात्रा में मौजूद एंटी एक्सीडेंट गुण शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति बढ़ाता है | विशेषज्ञों के अनुसार काला चावल कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने में भी सहायता करता है | सफ़ेद और ब्राउन चावल की तुलना में काले चावल में आयरन, मैग्नेशियम, विटामीन ई, विटामिन बी, कैल्शियम और जिंक जैसे तत्व मौजूद होते है |
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काला चावल के फायदे (Black Rice Benefits)
- यह एंटीऑक्सीडेंट का काफी अच्छा स्त्रोत है, जो शरीर के लिए बहुत जरूरी है | यह शरीर को फ्री रेडिकल से बचाता है, और बीमारियों के जोखिम को कम करता है | फ्री रेडिकल हमारे शरीर में कई तरह की स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को उत्पन्न कर सकता है, जिससे हृदय रोग, अल्जाइमर रोग और गठिया जैसी समस्याए हो सकती है |
- कैंसर रोग के बचाव में भी ब्लैक राइस कुछ हद तक सहायक हो सकता है | क्योकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रेडिकल का प्रभाव होता है, जो शरीर को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाकर कैंसर के जोखिम को कम करता है |
- वजन को नियंत्रित करने में भी काले चावल का सेवन बहु उपयोगी हो सकता है | तक़रीबन 40 अधिक वजन वाली महिलाओ पर किए गए शोध से पता चला है, कि यह वजन को नियंत्रित करने में भी उपयोगी है |
- ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए भी काले चावल का सेवन किया जा सकता है | यह रक्त वाहिकाओं में प्लाक को जमने से रोकता है | प्लाक एक चिपचिपा पदार्थ है, जो धमनियों में चिपक कर हार्ट अटैक, ह्रदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है |
- जिन लोगो को टाइप 2 का डायबिटीज है, उन्हें अपनी डाइट में काला चावल लेना प्रभावकारी साबित हो सकता है |
- जिन लोगो को दमा कि समस्या है, उनके लिए भी काला चावल उपयोगी हो सकता है | इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण दमा जैसी बीमारी के खतरे को कम करने में सहायक है |
काला चावल के नुकसान (Black Rice Disadvantages)
- काले चावल में उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है, जिस वजह से जरूरत से ज्यादा सेवन वजन बढ़ा सकता है |
- गर्भवती महिलाओ को काले चावल का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए, क्योकि इस बारे में अभी कोई प्रमाण नहीं मिले है |
काले चावल की खेती में बीज की लागत (Black Rice Cultivation Seed Cost)
बिहार राज्य के गंगासराय गांव में रहने वाले किसान अलोक कुमार जो कि पेशे से बैंक कर्मचारी है | वह इस बार काले चावल की खेती भी कर रहे है | उन्होंने बताया कि उनके कुछ दोस्तों ने उन्हें काला धान की खेती करने की सलाह दी | जिसके बाद उन्होंने काले चावल के बीजो को मंगवाया जिसकी कीमत 300 रूपए प्रति किलो पड़ी | एक बीघा खेत में तक़रीबन 3 KG बीज की जरूरत होती है | यदि काले चावल की खेती ऑर्गेनिक तरीके से की जाए तो कीमत भी अधिक मिलती है |
काला धान की बुवाई का तरीका (Black Paddy Sowing)
कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरसी चौधरी बताते है, कि काले धान की फसल की बुवाई को 15 जून के आसपास करना चाहिए | इसके बाद रोपाई 20 से 25 दिन बाद करे | काला धान की प्रजाति प्रकाश संवेदी होती है, जिस वजह से फसल में बाली आने के लिए 12 घंटे प्रकाश वाले दिनों की जरूरत होती है | यदि काला नमक फसल की बुवाई पहले की जाए तो पत्तिया और बाली निर्धारित समय पर निकल आती है |
जिस वजह से किसानो का खर्च बढ़ जाता है, और विशेष फायदा भी नहीं होता | यदि फसल की समय पर नर्सरी और रोपाई की जाए तो काले चावल की गुणवत्ता अच्छी खुशबु वाली होती है | बीजो को एक वर्ष पहले लगाते है | कृषि विभाग और अन्य संस्थाओ में एक वर्ष पहले भेजे गए मांग पत्र पर कंपनिया बीज उपलब्ध करा देती है |
जिले के कृषि अधिकारी सीपी सिंह के अनुसार किसानो को काला नमक की खेती के प्रति प्रोत्साहित किया जा रहा है | काला चावल की ब्रांडिंग से कीमत में बढ़ोतरी देखने को मिली है | इस बार गोदामों में काला चावल के बीज उपलब्ध नहीं है, जिसके पीछे की वजह प्रजातियों के बीज का नोटिफाइड न हो पाना बताया जा रहा है | कुछ प्रजातियों के ट्रायल जारी है, जिन्हे अगले सीजन तक बाजार में उतारा जा सकता है |
काला नमक चावल का मूल्य (Black Salt Rice Price)
काला चावल में मौजूद विशेष गुण की वजह से यह लोगो के बीच काफी लोकप्रिय फसल हो रही है | जिस वजह से किसानो की काला धान की खेती में अधिक दिलचस्पी बढ़ रही है, और किसान भाई अच्छी कमाई भी कर सकते है | काले चावल की कीमत सफ़ेद और ब्राउन चावल की तुलना में काफी अधिक होती है | सामान्य तौर पर इसका भाव 200 से 500 रूपए प्रति किलो होता है | जबकि सामान्य चावल की कीमत सिर्फ 25 से 80 रूपए प्रति किलो ही होती है | जैविक विधि से उगाया गया काला चावल 500 रूपए प्रति किलो होता है | अन्य सामान्य किस्मों की तुलना में काले चावल की पैदावार काफी कम होती है | एक एकड़ के खेत में सामान्य चावल की 20 से 25 क्विंटल पैदावार मिल जाती है, वही काला चावल केवल 8 से 10 क्विंटल ही मिल पाता है |
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