Organic Fertilizer – खेती मे लगातार रासायनिक खाद का उपयोग करने से मिट्टी लगातार बंजर होती जा रही है। और रासायनिक खाद से तैयार फल व सब्जी खाने से लोगों मे अनेक तरह की बीमारिया लोगों मे होने लग गई है।
शुरुआती के समय मे वैज्ञानिक खेती मे उपज व पैदावार को बढ़ावा देने के लिए रासायनिक खाद के इस्तेमाल को प्रोत्साहन देते थे। लेकिन बहुत ज्यादा खेती मे रासायनिक खाद के उपयोग से भूमि मे नमी की मात्रा घटती ही जा रही है व भूमि भी सख्त हो गई है। आज के इस लेख मे हम बात करेंगे जैविक खाद के बारे मे इसके लाभ व जैविक खाद कैसे तैयार करे इसकी पूरी जानकारी देंगे।
जैविक खाद किसे कहते है – What Is Jaivik Khad
आम – तौर पर हम देखते है की सभी खेती करने वाले किसान पशुओ का पालन करते है। पशुओ के चारा खाने के बाद पशु से प्राप्त मलमूत्र, गोबर, शेष बचा हुआ चारा या फिर खेती करने के बाद खेत मे बची हुई हरी घास व पेड़ – पौधों की पत्तियों से अनेक तरीकों से घर पर तैयार की गई खाद को जैविक खाद कहा जाता है। इस तरह से तैयार की गई खाद के बहुत सारे फायदे होते है। इससे खेती की भूमि पैदावार क्षमता भी बढ़ती है।
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जैविक खाद कितने तरह की होती है
जैविक खेती करने के लिए किसान 4 से 5 तरह की जैविक खाद घर पर ही बहुत ही कम लागत मे तैयार कर सकता है। किसान अपनी खेती मे जैविक खाद का उपयोग करता है, तो किसान को खेती मे बहुत फायदे होते है। जैसे अगर रासायनिक खाद के अधिक उपयोग से भूमि बंजर हो गई है। तो भूमि को उपजाऊ बनाया जाता सकता है। और जैविक खाद के प्रयोग से खेती से अधिक उपज प्राप्त की जा सकती है। बात करते है जैविक खाद कैसे तैयार करे इसे बनाने की विधि के बारे मे।
जैविक खाद कैसे तैयार करे ?
केंचुआ खाद ( Vermi Compost Khad )
किसानों के द्वारा खेती मे सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली जैविक खाद है केंचुआ खाद। इस खाद को आप आसानी से तैयार कर सकते है। इस खाद को तैयार करने के लिए आपको पशुओ की पकी हुई गोबर खाद व दूसरी चीज पानी की आवश्यकता होती है। अंतिम आवश्यकता है वो है केंचुआ। इन तीनों चीजों की मदद से आप आसानी से घर पर ही जैविक खाद तैयार कर सकते है। अहर आप एक वर्गफुट मे केंचुआ खाद तैयार करना चाह रहे है तो आपको एक सो केंचुआ की आवश्यकता होगी।
केंचुआ खाद तैयार करने की विधि
केंचुआ खाद को तैयार करने के लिए सबसे पहले छायादार जगह का चुनाव करे। इसके बाद आपको जमीन पर खेती करने के बाद बचे हुए चारे को बिछा देना है। अब चारे के ऊपर पशुओ की खाद की 6 से 7 इंच की परत बिछा देनी है। इसके बाद आपको केंचुआ को इस खाद पर छोड़ देना है। एक वर्गफुट जगह मे लगभग 100 केंचुआ को जरूर छोड़े। अंत मे बोरी व प्लास्टिक से पूरे खाद को ढक दे। इस खाद पर समय – समय पर पनि का छिड़काव करते रहे। इस तरह से आप 20 महीने के बाद केंचुआ खाद प्राप्त कर सकते है।
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केंचुआ कितने तरह के होते है
जैविक खाद को तैयार करने के लिए दो तरह के केंचुआ को काम मे लिया जाता है। पहला केंचुआ जो जमीन मे अधिक गहराई तक जाता है। व एक दूसरी तरह का केंचुआ है जो जमीन की अधिक गहराई तक नहीं जाता है ऊपरी सतह पर ही जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया करता रहता है। इस तरह के केंचुआ का प्रयोग केंचुआ खाद बनाने मे ही किया जाता है। यह बैंगनी और लाल रंग का होता है।
कम्पोस्ट खाद – Compost Fertilizer
कम्पोस्ट खाद घर के कचरे व फल व सब्जी काम लेने के बाद बचा हुआ भाग और पशुओ के गोबर खराब भोजन आदि से तैयार की जाती है। कम्पोस्ट खाद तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले आपको पशुओ की खाद व पेड़ – पौधों की पत्ती व खराब फल व सब्जी को एक अन्य गड्डे मे इकठ्ठा कर लेना चाहिए।
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कंपोस्ट खाद तैयार कैसे करे
सबसे पहले इस तरह की खाद को तैयार करने के लिए एक गड्डा खोद ले। इसके बाद एक के बाद एक परत बनाते हुए इसके गोबर खराब सब्जी व फल पेड़ की पत्तिया व खेती से इकठ्ठा की गई घास आदि डाले। इसके बाद गोबर का घोल बनाकर इस परत पर छिड़काव करे। इसी तरह से परते बनाते हुए ऊपर तक गड्डे को भर दे। और गड्डे के मुँह को गोबर से लेप करके बंद कर दे। 8 से 1 दिनों के बाद गड्डे मे कचरे की परतो को पलटते रहे। इस तरह से बनाई गई कम्पोस्ट खाद ढाई से तीन महीनों मे तैयार हो जाती है।
हरी खाद
बहुत-सी फसल ऐसी होती है जिनको उगाया ही हरी खाद बनाने के जाता है। जैसे ढेचा, ग्वार, लोबिया आदि फसल को आप अपने खेत मे उगाकर फसल आने से पहले ही ट्रैक्टर या फिर अन्य मशीन की सहायता से भूमि मे नई फसल उगाने से पहले मिलाकर खेत मे हरी खाद दे सकते है। भूमि मे हरी खाद देने से अनेक तरह के पोषक तत्वों की भूमि मे पूर्ति होती है। अगर आप भी अपने खेत मे हरी खाद तैयार करना चाहते है। तो लगभग 60 दिन मे हरी खाद के लिए उगाई गई फसल मिट्टी मे मिलाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाती है।
फर्म यार्ड खाद
बकरी पालन या फिर भैंस, मुर्गी पालन आदि किसान करते है। सर्दी आदि के मौसम मे पशु आदि एक जगह पर ही रहते है। पशुओ के मल – मूत्र व इनके चारा या दाने खाने के बाद बचा हुआ चारा आदि को फार्म यार्ड खाद कहते है। इस तरह कई खाद को भी गड्डा खोदकर ही तैयार किया जाता है। गड्डे मे परत बनाकर पशुओ मे मल व कचरे आदि को डालते रहते है। एक परत बनने के बाद मिट्टी की हल्की परत जमा देते है। इस तरह से अनेक परतो से फार्मयार्ड खाद तैयार की जाती है। यह खाद 2 से 3 महीने मे उपयोग के लिए तैयार हो जाती है।
एक एकड़ मे 15 से 20 क्विंटल जैविक खाद देना चाहिए।
अगर कोई किसान भी जैविक खाद घर पर ही तैयार करता है, तो 1.5 रुपये प्रति किलोग्राम के लगभग खर्च आता है।
केचुआ खाद लगभग 50 से 60 दिन मे तैयार हो जाती है।
निष्कर्ष – इस तरह से आप भी घर पर ही जैविक खाद को तैयार करके खेती मे इस्तेमाल कर सकते है। और भूमि की उर्वरक क्षमता को आसानी से बड़ा सकते है। रासायनिक खाद के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान से बच सकते है। अगर आपके किसी तरह के जैविक खाद से लेकर सवाल है तो आप हमारी टीम को पूछ सकते है।
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