एफआरपी (FRP) क्या है | फुल फॉर्म, गन्ना एफआरपी (गन्ना रेट) प्रति कुंतल क्या है

कई राज्य FRP के ऊपर SAP भी घोषित करती है, तथा कई चीनी मीले किसानो को लाभ पर बोनस भी प्रदान करती है | इस पोस्ट में आपको FRP से जुड़ी जानकारी एफआरपी (FRP) क्या है, फुल फॉर्म, गन्ना एफआरपी (गन्ना रेट) प्रति कुंतल क्या है, इसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे है |

एफआरपी (गन्ना रेट) से सम्बंधित जानकारी

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एफआरपी (गन्ना रेट) से सम्बंधित जानकारी

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी किसानों की आय को दुगुना करने के लिए लगातार काम करने में लगी हुई है | इसी कड़ी में देश के गन्ना किसानो के लिए सरकार द्वारा एफआरपी (FRP) बढाने का निर्णय लिया है | FRP यानि उचित एवं लाभकारी मूल्य वह होता है, जिससे नीचे चीनी मीले गन्ना किसानो को भुगतान नहीं कर सकती है |

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एफआरपी का फुल फॉर्म (Full Form of FRP)

एफआरपी को हिंदी भाषा में “उचित और लाभकारी मूल्य” कहते है, तथा अंग्रेजी भाषा में इसे FRP “Fair and Remunerative Price” कहा जाता है |

एफआरपी क्या होता है (What is FRP)

एफआरपी सरकार द्वारा गन्ना किसानो के लिए निर्धारित एक न्यूनतम मूल्य होता है, चीनी मिलो को इस न्यूनतम मूल्य पर ही किसानो से गन्नो को खरीदना होता है | कमीशन ऑफ एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइसेज (CACP) प्रत्येक वर्ष FRP की सिफारिश करता है | गन्ना सहित अन्य प्रमुख कृषि उत्पादों की कीमतों के लिए CACP सरकार को अपनी सिफारिश भेजता है | जिसके बाद उस सिफारिश पर विचार करने के बाद सरकार द्वारा उसे लागू कर दिया जाता है | गन्ना नियंत्रण आदेश को 1966 के तहत एफआरपी तय करती है|

इसके अतिरिक्त सरकार का कहना है कि गन्ने के रेट बढ़ाने से देश के तक़रीबन 5 करोड़ गन्ना किसानो तथा उनके परिवारों और चीनी मिलो की सहायक गतिविधियों तथा उसमे कार्यरत 5 लाख श्रमिकों को इसका लाभ प्राप्त होगा | यह निर्णय देश के गन्ना किसानो तथा उपभोक्ताओं के हितो को ध्यान में रखते हुए लिया गया है |

caneup.in, गन्ना पर्ची कैलेंडर 2023 

एफआरपी से किसानो को होने वाला फ़ायदा

इस FRP से मूल्य में वृद्धि का फ़ायदा देश के सभी किसानो को नहीं होगा, क्योकि वह राज्य जिनमे गन्ने का उत्पादन अधिक होता है, वह अपनी फसल की कीमत खुद तय करते है | जिसे SAP (State Advisory Price) कहा जाता है | उत्तर प्रदेश,पंजाब और हरियाणा राज्य के किसान अपनी फसल के लिए SAP खुद तय करते है |

साधारण तौर पर SAP का मूल्य केंद्र सरकार के FRP मूल्य से अधिक होता है | यदि वर्तमान समय में एफआरपी (FRP) वृद्धि के बाद 285 रूपए प्रति कुंतल है, तो उत्तर प्रदेश में एसएपी सामान्य किस्म के गन्नो के लिए 315 रूपए प्रति कुंतल होगा | इस तरह से जिन राज्यों में SAP की व्यवस्था लागु है वहां पर केंद्र सरकार द्वारा FRP बढ़ाने से इन राज्यों के किसानो को किसी तरह का लाभ प्राप्त नहीं होगा |

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गन्ना एफआरपी प्रति क्विंटल क्या है (Sugarcane FRP Per Quintal)

देश में गन्ने का राष्ट्रीय मूल्य 290 रूपए प्रति कुंतल है, किन्तु किसानो को गन्ने का भुगतान राज्यों द्वारा जारी SAP (State Advised Price) और रिकवरी के आधार पर किया जायेगा | पंजाब सरकार ने राज्य के किसानो को 24 अगस्त को 360 रूपए प्रति कुंतल की एसएपी तय की है | इसलिए पंजाब के किसानो को गन्ने का अधिकतम मूल्य 360 रुपये प्रति कुंतल प्राप्त होगा | वही दूसरी और जहा केंद्र सरकार ने 290 रूपए प्रति/क्विंटल का मूल्य तय किया है, उसमे 10 फीसदी रिकवरी है | 9.5 फीसदी से कम रिकवरी होने की स्थिति में गन्ना किसानो को प्रति/क्विंटल 275.50 रूपए का ही भुगतान किया जायेगा |

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एफआरपी (FRP) क्या है

गन्ने में प्रति कुंतल 5 रूपए की बढ़ोतरी हुई है, जबकि पिछले वर्ष प्रति कुंतल के हिसाब से 10 रूपए की बढ़ोतरी हुई थी, सरकार का दावा है की FRP के बाद किसानो को पिछले वर्ष 91,000 करोड़ की तुलना में अगले साल तक़रीबन 1 लाख करोड़ रूपए प्राप्त होंगे |

Kisan Helpline Number

गन्ना किसानों का बकाया मूल्य (Arrears of Sugarcane Farmers)

केंद्र सरकार देश के किसानो को समय पर भुगतान कर रही है | इसके लिए सरकार का कहना है की चीनी एक्सपोर्ट और इथेनॉल निर्माण से इंडस्ट्री की स्थिति में हुए सुधार को महत्वपूर्ण बताया है | इससे 2 वर्ष पहले 2019-20 में 76,000 करोड़ का भुगतान गन्ना किसानो को करना था, जिसमे से सरकार द्वारा किसानो को 75,700 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है | इसका मतलब किसानो का तक़रीबन 142 करोड़ रूपए का भुगतान अभी बकाया है |

वही वर्ष 2020-21 में 91,000 करोड़ का भुगतान गन्ना किसानो को सरकार द्वारा करना था, जिसमे से 90,872 करोड़ रूपए के गन्ने की खरीद हुई और किसानो को 86,000 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है | इससे यह पता चलता है, कि केंद्र सरकार द्वारा जारी की गयी अन्य योजनाओ के कारण गन्ना किसानो को जहाँ पहले सालो तक भुगतान के लिए इंतजार करना पड़ता था, वही अब यह तुरंत हो रहा है | देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सदैव ही यह चिंता रहती है, कि गन्ना किसानो को समय पर उनका भुगतान प्रदान किया जाये |

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