मशरूम की खेती का व्यापार 2024 कैसे शुरू करें | How to start Mushroom farming Business 2024 in hindi

अगर आप किसान है और अतिरिक्त धन कमाकर अपना एक नया व्यापार खोलना चाहते है, तो मशरूम की खेती करना आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है.

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मशरूम की खेती का व्यापार कैसे शुरू करें 2024

हालांकि इसमें अच्छी पैदावार पाने हेतु आपको बहुत ख्याल रखना होता है, अगर आप इसमें मेहनत करते हैं तो फायदा भी काफी ज्यादा होता है. अभी हाल में ही उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों में इसकी खेती आरम्भ हो चुकी है. इतना ही नहीं हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर जैसे ठंड़े राज्यों में भी मशरूम की खेती की जाने लगी है. पूरे विश्व में एशिया एवं अफ्रीका के क्षेत्रों में इसकी मांग काफी अधिक देखने को मिलती है.

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मशरूम क्या है (mushroom definition)

मशरूम एक तरह का पौधा है लेकिन फिर भी इसको मांस की तरह देखा जाता है. मतलब आप इसको शाकाहारी पौधा तो नहीं कह सकते हैं. इसमें अधिक मात्रा में प्रोटीन एवं पोषक तत्व मौजूद होते हैं जैसे की विटामिन डी. यह फफूंद से बनता है और इसके आकार के बारे में कहा जाय तो लगभग एक छत्ते के आकार का होता है.

मशरूम के प्रकार (Types of mushroom in India)

अंतराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के अनुसार इसकी लगभग 10000 किस्में हमारी धरती पर मौजूद है. लेकिन अगर व्यापार के नजरिये से देखें तो मशरूम की लगभग 5 किस्में ही मौजूद है, जिनमें से सिर्फ 5 ही किस्में अच्छी मानी जाती है. जिनके नाम क्रमशः बटन मशरूम, पैडी स्ट्रॉ, स्पेशली मशरूम, दवाओं वाली मशरूम, धिंगरी या ओएस्टर मशरूम हैं. इनमें बटन मशरूम सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली किस्म है. कभी-कभी इसको मिल्की मशरूम भी कहा जाता है.

मशरूम के बीज कहां से खरीदें (Place to buy Mushroom seeds online and offline in India)

आप मशरूम के बीज को ऑनलाइन इस लिंक https://www.indiamart.com/proddetail/button-mushroom-spawn-7623619012.html पर जाकर सीधे मंगा सकते हैंया फिर सीधे सरकार कृषि केंद्रों की मदद से भी प्राप्त कर सकते हैंउदाहरण के तौर पर अगर आप हरियाणा से है तो इस पते गांव तल्हेड़ी, पेहोवा करुक्षेत्र – 136128 हरयाणा भारत पर जाकर सीधे मशरूम का बीज प्राप्त कर सकते हैं.

मशरूम बीज की कीमत  (Mushroom seeds Price)

इसके बीज की कीमत लगभग 75 रुपए प्रति किलोग्राम होती है, जो कि ब्रांड और किस्म के अनुसार बदलती रहती है. इसलिए आपको पहले यह तय करना होगा, कि आप किस किस्म की मशरूम को उगाना चाहते है. 

मशरूम कहां बेच सकते है (How to sell mushroom in India)

मशरूम की मांग कई जगहों पर होती है, इसको बेचने के लिए उपयुक्त स्थानों में होटल, दवाएं बनाने वाली कंपनियां आदि आते हैं. इसके अलावा मशरूम का उपयोग अधिकतर चाइनीज खाने में किया जाता है. इसके अन्य लाभकारी गुणों के कारण इसको मेडिकल के क्षेत्र में भी उपयोग किया जा रहा है. इतना ही नहीं इसका निर्यात एवं आयात भी कई देशों में किया जाता है, अर्थात इसको बेचने के लिए बहुत से क्षेत्र मौजूद है.

मशरूम का व्यापार करने के तरीके (Mushroom cultivation techniques)

आप कृतिम (रसायन प्रक्रिया) से ही मशरूम उगा सकते है. इसके लिए आपके पास जगह होनी चाहिए, जिस पर आप मशरूम आसानी से उगा सकें. हमारे देश में मशरूम का व्यापार अभी दो तरीके से होने लगा है. आप चाहें तो कोई कंपनी बना कर, इसका व्यापार आरम्भ कर सकते है. दूसरा तरीका- अगर आपके पास खेत है मतलब आप किसान है, तो आप इसकी खेती आसानी से कर सकते हैं, बस आप लकड़ी की सहायता से उस जमीन को एक बंद कमरे की तरह ढक लें. तो ये व्यापार आपके लिए नया वरदान साबित हो सकता है.

छोटे एवं बड़े पैमाने पर मशरूम की खेती  (small scale commercial mushroom growing)

अगर आप चाहते की इसको अतिरिक्त आय का जरिया बनाने तक ही सीमित रखें तो इसको छोटे स्तर पर ही शुरू कर दे. जिससे आपके मुख्य व्यापार के काम पर कोई असर नहीं पड़ेगा. जैसे की मशरूम को उगाया जाता है मतलब साफ है कि आपके व्यापार का पैमाना सीधा-सीधा जमीन पर निर्भर करता है. बाकी मशरूम उगाने की प्रक्रिया एक जैसी ही होती है, चाहे छोटे स्तर पर किया जाय या बड़े स्तर पर. ऐसे ही आप एलोवेरा की खेती कर सकते है.

मशरूम के व्यापार में खर्च होने वाली राशि (Investment or cost required for mushroom farming)

इस पर लगाई जाने वाली राशि आपकी क्षमता एवं व्यापार के स्तर के अनुसार बदलती रहती है. इस व्यापार में बस आपको इसकी देखभाल एवं उगाने के स्थान को बनाने में ही पैसे लगाने पड़ेगें. इसके अलावा कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल करने के लिए भी खर्च आएगा. अगर आप छोटा व्यापार शुरू करते है, तो 10000 रुपए से 50000 रुपए तक लगा सकते हैं. वहीं बड़े व्यापार के लिए आप 1 लाख रुपय से 10 लाख रुपए का निवेश करना उचित रहेगा.

मशरूम के व्यापार में मिलने वाला लाभ (mushroom farming profit margin)

व्यापार में लाभ की बात करें तो पूरे विश्व में इस व्यापार में हर साल 12.9 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो रही है. इसका तात्पर्य यह है, कि आप इस व्यापार में कम समय में ही अच्छा मुकाम हासिल कर सकते है. अगर आप 100 वर्गमीटर में व्यापार आरम्भ करते है, तो आपको लगभग 1 लाख रुपए से लेकर 5 लाख तक का लाभ मिल सकता है, वो भी हर साल. हालांकि ये आपकी उत्पादन क्षमता बढ़ाने वाली तकनीकी पर निर्भर करेगा.

कच्चा माल या बनाने के लिए उपयुक्त माल और स्थान (materials required for mushroom cultivation)

भारत की बात करें तो इसको सर्दियों के समय में उगाया जाता है. क्योंकि इसकी खेती के दौरान तापमान कम होना चाहिए, इसके साथ ही मशरूम को उगाने के लिए घास-फूस या फिर आप गेहूं एवं धान के भूसे की आवश्यकता होती है. इसकी सुरक्षा हेतु आपको कीटनाशक दवाएं एवं इसका बीज भी खरीदना होता है. मशरूम की खेती कमरे में भी की जा सकती है. बस आपको ध्यान रखना होगा कि इसे सिर्फ नमी में ही उगाया जाता है. इसके अलावा आपको कई कार्बनिक अकार्बनिक यौगिकों, नाइट्रोजन पोषकों को भी खरीद ले, इसके इस्तेमाल से उत्पादन क्षमता में अच्छी खासी वृद्धि मिल जाती है.

बड़े स्तर पर मशरूम की खेती (commercial mushroom growing systems)

बड़े स्तर पर मशरूम की खेती हेतु आपको बड़े स्थान के साथ-साथ बीज की मात्रा में भी वृद्धि करनी होती है. मतलब अंतर सिर्फ स्थान, लागत एवं कच्चे माल को खरीदने में ही होता है. मशरूम उगाने की प्रक्रिया तो सभी की एक समान ही होती है.

मशरूम की खेती करने की प्रक्रिया (Mushroom farming process in hindi)

इसकी खेती करने के लिए आपको एक कमरे की जरुरत होती है, लेकिन आप चाहें तो लकड़ियों का एक जाल बनाकर भी उसके नीचे मशरूम उगाना आरम्भ कर सकते हैं. बाकी के सभी चरण (स्टेप्स) सभी स्तर के व्यापार के लिए एक जैसे होते हैं जिसको नीचे अच्छे से बताया जा रहा है.

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मशरूम की खेती करने की प्रक्रिया
प्रथम चरण – धान और गेहूं के भूसे की मदद से कॉम्पोस्ट खाद बनाना (How to make mushroom compost at home)

मशरूम की खेती करने के लिए कॉम्पोस्ट खाद की जरुरत होती है, जिसके लिए आप गेहूं या धान के भूसे का उपयोग कर सकते है. इसके लिए आपको भूसे को कीटाणु रहित बनाना होगा. ताकि इसमें मौजूद कीटाणु एवं अशुद्धियाँ दूर हो जाए. ऐसा इसलिए करते है, ताकि मशरूम की फसल को उगने में कोई बाधा ना आये एवं इसके पौधे की वृद्धि एवं इसके गुणों में को अवरोध उत्पन्न ना हो. आपको लगभग 1500 लीटर पानी में 1.5 किलोग्राम फार्मलीन एवं 150 ग्राम बेबिस्टीन मिलाना होता है. इसमें दोनों रसायन या कीटनाशकों को एक साथ मिलाना होता है. इसके बाद इस पानी में 1 कुंटल, 50 किलोग्राम गेहूं का भूसा डालकर अच्छे से मिला लेना होता है. उसके बाद इसे कुछ समय के लिए ढक्कर रखना पड़ता है. जिससे ये खाद या भूसा आपके लिए मशरूम उगाने का माध्यम बनकर तैयार हो जायेगा.

दूसरा चरण – मशरूम की बुवाई (mushroom plantation)

पहले चरण के बाद इस भूसे को हवा में बाहर कहीं अच्छे से फैला लें, ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि हवा के सम्पर्क में लाकर इसकी नमी को 50 प्रतिशत तक काम किया जा सके. इसके बाद आपको भूसे को बार-बार पलटना पड़ता है. जिसके बाद ये बुवाई करने के लिए तैयार हो जाता है. 16 बाई 18 का एक पॉलिथीन बैग लेकर इसमें परतों के हिसाब से बुवाई करते हैं, जैसे की पहले भूसा उसके ऊपर बीज और इसी तरह से 3-4 परतें बना लेते हैं. ध्यान रहे इस बैग के नीचे दोनों कोने पर छेद कर लें, जिससे बचा हुआ पानी निकल जाये, इतना ही नहीं इस पन्नी के बैग को कसकर बांध लें. जिससे इसमें कहीं भी हवा की गुंजाइस ना रहे. इसके बीज या भूसे का अनुपात हर एक परत में बराबर होना आवश्यक है. हालांकि ये मिल्की मशरूम में ही की जाती है. जबकि ऑरेस्टर मशरूम में मिक्स करने की तकनीकी का इस्तेमाल होता है. मतलब बिना परतों के ही मशरूम के बीज और भूसे को मिला दिया जाता है. बुवाई की प्रक्रिया समाप्त हो जाने के बाद इस पैकेट में कुछ छोटे-छोटे छिद्र कर दिए जाते है. जिससे मशरूम के पौधे बाहर निकल सकें. 

हवा एवं पंखे की सहायता से रख रखाव (mushroom cultivation precautions)

लगभग 15 दिन तक इस फसल को हवा लगने से बचाना पड़ता है, जिसके लिए आप कमरे को पूरी तरह से बंद कर दें. फिर 15 दिन के बाद इसी कमरे को खुला छोड़ दे या पंखे का भी इंतजाम कर दें. यहां तक आपको मशरूम की फसल सफेद रंग की नजर आने लगती है.

नमी एवं तापमान पर नियंत्रण (How to maintain humidity in mushroom cultivation)

नमी पर नियंत्रण करने के लिए आपको कभी-कभी दीवारों पर पानी का छिड़काव करना होगा, ध्यान रहे नमी लगभग 70 डिग्री तक की होनी चाहिए इसके बाद आपको कमरे के तापमान पर भी ध्यान देना बहुत जरुरी है. मशरूम की फसल को अच्छे से उगाने हेतु लगभग 20 से 30 डिग्री का तापमान ही ठीक रहता है.

मशरूम के थैले रखने के तरीके

अपने कमरे में मशरूम की खेती करने के लिए आपको मशरूम वाले थैले को तरीकों से रखना होता है. इसे या तो आप किसी लकड़ी और रस्सी की सहायता से बांध कर लटका दें या फिर एक तरह से लकड़ियों या किसी धातु से पलंगनुमा जंजाल तैयार कर लें जिस पर मशरूम के पैकेट्स आसानी से रख सकें.

कब और कैसे करें कटाई

विशेषज्ञों की माने तो इसकी फसल अधिकतम 30 से 40 दिनों के भीतर काटने के लिए तैयार हो जाती है. उसके बाद आपको इसका फल दिखाई देने लगता है, जिसे आप आसानी से हाथ से ही तोड़ सकते हैं.

सरकार द्वारा मदद (Government subsidies for mushroom cultivation)

इस समय हरियाणा में मशरूम उगाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इतना ही नहीं मशरूम की खेती के लिए सरकार द्वारा ऋण देने की योजनाएं भी बनाई गयी है. https://www.nabard.org वेबसाइट के जरिये आप इस योजना का बारे में और जानकारी ले सकते हैं. आपको एक व्यावसायिक प्रस्ताव बनाकर सरकारी कार्यालय में जाना होगा. आपको पैन कार्ड आधार कार्ड, निवासी प्रमाण पत्र और बैंक खाता की जानकारी वहां देनी पड़ेगी. ऐसा करने से आप सरकारी सब्सिडी योजनाए का लाभ पा सकेंगे. अगर आप छोटे किसान हैं तो हर एक मशरूम फल के थैले पर 40 प्रतिशत तक एवं सामान्य व्यक्ति के लिए 20 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी. इस व्यापार में अगर आपको सब्सिडी नहीं चाहिए तो आपको इसका रजिस्ट्रेशन या पंजीकरण करवाने की जरुरत नहीं है.

सरकार द्वारा मशरूम की खेती करने के लिए प्रशिक्षण (Mushroom cultivation government training)

छोटे किसानों को इस व्यापार में सब्सिडी  देकर उनका मदद की जा रही है. सब्सिडी के अलावा सरकार द्वारा मुफ्त प्रशिक्षण की सुविधा भी दी जा रही है. जिसके लिए सरकार ने कई प्रशिक्षण केंद्र खोल रखे है. जहां आपको मशरूम उगाने की सभी तकनीकों के बारे में सिखाया जायेगा.


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