जैविक खाद क्या है, कैसे बनाएं, कंपोस्ट खाद बनाने की विधि पूरी जानकारी हिंदी में

आपने अक्सर सुना होगा कि, ऑर्गेनिक खाद (organic fertilizer) हमारे पेड़ पौधों के लिए बेहद फायदेमंद होती है। ऑर्गेनिक गार्डनिंग में बहुत सी खाद या जैविक फर्टिलाइजर का उपयोग किया जाता है, लेकिन पेड़ पौधों के लिए जैविक खाद का महत्त्व सर्वोपरि है।

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जैविक उर्वरक बनाबे की संपूर्ण विधि

जैविक उर्वरक के प्रयोग से गार्डन की मिट्टी तथा गमले या ग्रो बैग में लगे पौधों को कई प्रकार के फायदे होते हैं, और यह पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल होती है, जिससे पौधों को नुकसान भी नहीं होता है। आप अपने घर पर बड़ी ही आसानी से जैविक उर्वरक तैयार कर सकते हैं। इस लेख में आप जैविक खाद कैसे तैयार की जाती है, के बारे में जानेंगे। जैविक खाद क्या है, ऑर्गेनिक खाद के उपयोग तथा फायदे कौन से हैं एवं घर पर पौधों के लिए जैविक खाद बनाने की विधि के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

जैविक खाद क्या है – What Is Organic Fertilizer In Hindi

पशु-पक्षियों के मल-मूत्र, शरीर के अवशेष, उद्योगों से निकले हुए अवशिष्ट, तथा पेड़-पौधों की पत्तियों व शाखाओं इत्यादि अवशिष्ट पदार्थों के विघटन से तैयार खाद को जैविक खाद कहा जाता है। जैविक उर्वरक को जीवांश खाद (bio fertilizer) या कार्बनिक खाद के नाम से भी जाना जाता है।

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जैविक खाद के प्रकार – Types of Organic Manure In Hindi

ऑर्गेनिक गार्डनिंग या होम गार्डनिंग में उपयोग की जाने वाली ऑर्गेनिक खाद के प्रमुख प्रकार निम्न हैं, जैसे:

  1. गोबर खाद (cow dung manure)
  2. कम्पोस्ट खाद (compost manure)
  3. वर्मी कम्पोस्ट (vermicompost)
  4. हरी खाद (green manure)
  5. बायो फर्टिलाइजर (bio fertilizer)

उपर्युक्त बताई गईं सभी खादें जैविक खाद के प्रमुख प्रकार हैं, जिन्हें आप बड़ी ही आसानी से पेड़-पौधों के लिए तैयार कर सकते हैं। आइये जानते हैं घर पर पौधों के लिए जैविक खाद कैसे बनाएं तथा खाद बनाने की विधि के बारे में।

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घर पर गोबर खाद कैसे बनाएं – Cow Dung Compost For Plants In Garden In Hindi

गोबर की खाद, गाय, भैंस, बकरी आदि पशुओं के मल-मूत्र एवं उनके चारे इत्यादि को मिलाकर तैयार की जाती है। गोबर खाद में 0.5-1.5% नाइट्रोजन, 0.4-0.8% फास्फोरस तथा 0.5-1.9% पोटाश की मात्रा पाई जाती है। गोबर खाद बनाने के लिए पशुओं के गोबर, मल-मूत्र, और चारे आदि को कम से कम 8-10 इंच गहरे गड्ढे या इससे बड़े गड्ढे में एकत्रित करें तथा इसे मिट्टी से ढक दें। अब लगभग 6 महीने में आपके द्वारा बनाई हुई गोबर की खाद तैयार हो जाएगी। आप गोबर की खाद का उपयोग पौधा के विकास के लिए मिट्टी तैयार करते समय मिट्टी में मिला सकते हैं या गमले की मिट्टी में लगे पौधे की ग्रोथ के दौरान कभी भी कर सकते हैं।

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कंपोस्ट खाद बनाने की विधि – Organic Compost Good For Plants In Hindi

पेड़-पौधों के विभिन्न प्रकार के अवशेषों जैसे – सूखे डंठल, पत्तियों व शाखाओं इत्यादि को गड्ढे में सड़ाकर बनाई गई खाद को कम्पोस्ट खाद कहते हैं, इसमें 0.4-0.8% नाइट्रोजन, 0.3-0.6% फास्फोरस तथा 0.7-1.0% पोटेशियम पाया जाता है। कम्पोस्ट खाद तैयार करने के लिए कम्पोस्ट बिन या गड्ढे में पेड़-पौधों के अवशिष्ट डालें तथा बीच-बीच में मिट्टी की हल्की परत भी बिछाते जाएँ। कम्पोस्ट बिन पूरा भर जाने के बाद इसमें नमी के लिए थोड़ा पानी डालें और बिन को ढक दें, ताकि खाद बनने की प्रक्रिया तेजी से सम्पन्न हो सके। हर 1-2 सप्ताह में मिश्रण को पलट दें, ताकि अपघटन (Decomposition) तेजी से हो। कम्पोस्ट खाद को बनने में 3-6 महीने का समय लग सकता है।

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वर्मी कम्पोस्ट जैविक खाद कैसे बनाएं- Vermicompost Manure For Plants In Hindi

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वर्मी कम्पोस्ट जैविक खाद कैसे बनाएं

केंचुए की सहायता से बनाई गयी खाद को वर्मीकम्पोस्ट खाद कहते हैं, इसे केंचुआ खाद भी कहा जाता है। आम तौर पर वर्मीकम्पोस्ट का एनपीके अनुपात 2:1:1 से लेकर 3:2:2 तक होता है। वर्मीकम्पोस्ट खाद बनाने के लिए एक गड्ढा खोदें, जिसमें परत दर परत मिट्टी, कोकोपीट, गोबर खाद, किचिन वेस्ट, केंचुआ तथा अन्य अवशिष्ट पदार्थ डालकर गड्ढे को छिद्रयुक्त ढक्कन या बोरे से ढक दें। अब इस मिश्रण को समय-समय पर पलटते रहें तथा पर्याप्त नमी का ध्यान रखें। वर्मी कम्पोस्ट खाद लगभग 2 महीने में बनकर तैयार हो जाएगी, जो दिखने में चायपत्ती जैसी गहरे काले रंग की होगी।

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घर पर पौधों के लिए हरी खाद कैसे बनाएं – Green Manure For Plants At Home In Hindi

ऑर्गेनिक गार्डनिंग में हरी खाद का महत्वपूर्ण स्थान है, यह पौधों के साथ-साथ मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करने तथा पौधों में अन्य कार्यों के लिए तैयार की जाती है। ग्रीन मैन्योर मुख्य रूप से गमले या गार्डन की मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी को पूरा करती है। हरी खाद बनाने में प्रयुक्त की जाने वाली फसलों जैसे – बीन्स, मस्टर्ड, अल्फाफा, मैथी इत्यादि को गार्डन के किसी निश्चित स्थान (जहाँ आप भविष्य में पौधे लगाना चाहते हैं) या बड़े आकार के गमले या ग्रो बैग में लगाया जाता है तथा 30-45 दिन के बाद इन कोमल पौधों को मिट्टी में पलट दिया जाता है। मिट्टी में पौधों के अपघटन के लगभग 3-4 महीने बाद आप इस मिट्टी का उपयोग पौधे लगाने के लिए कर सकते हैं।

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पौधों के लिए बायो फर्टिलाइजर बनाने की विधि – How To Make Bio Fertilizer For Plants in Garden in Hindi

जैव खाद या बायो फर्टिलाइजर विभिन्न प्रकार के जीव-जंतुओं के गोबर, मल-मूत्र, किचिन वेस्ट तथा पेड़-पौधों के अवशिष्ट इत्यादि को मिलाकर तैयार की जाती है। इसमें उपस्थित जीवाणु (Bacteria) पेड़-पौधों की ग्रोथ को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। आप बायो फर्टिलाइजर बनाने के लिए समुद्री शैवाल, पेड़-पौधों के अवशिष्ट, पत्ते, खरपतवार, फल, सब्जियां और अन्य जैविक सामग्री का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्योंकि जैव उर्वरक बनाने में प्रयुक्त सामग्री में मैक्रो और सूक्ष्म पोषक तत्व, पौधों की ग्रोथ बढ़ाने वाले हार्मोन और जीवित लाभकारी सूक्ष्मजीव पाये जाते हैं। बायो फर्टिलाइजर तैयार करने के लिए आपके पास उपलब्ध सामग्री को एक कम्पोस्ट बिन में परत दर परत डालकर, उसमें ऊपर से पानी डालें और अच्छी तरह ढक दें। लगभग 1-2 महीने में जैव उर्वरक बनकर तैयार हो जाएगी तथा इसे अच्छी तरह छानकर लिक्विड फर्टिलाइजर के रूप में उपयोग करें।

नोट – बायो फर्टिलाइजर के तरल को छानने के बाद बचे हुए शेष अवशिष्ट को आप पुनः जैव उर्वरक बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

जैविक खाद के फायदे – Organic Fertilizer Benefits For Plants In Hindi

गमले या गार्डन की मिट्टी में पेड़-पौधों को जैविक खाद या ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर से होने वाले फायदे निम्न हैं, जैसे:

  • ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर के उपयोग से मिट्टी की भौतिक व रसायनिक स्थिति में सुधार होता है।
  • मिट्टी की उर्वरता क्षमता बढ़ती है।
  • जैविक खाद, मृदा की जलधारण क्षमता को बढ़ाती है।
  • पौधों को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं।
  • सूक्ष्म जीवों की गतिविधि में वृद्धि होती है।
  • ऑर्गेनिक खाद से मिट्टी में लीचिंग (soil leaching) तथा कटाव कम होता है।
  • जैविक खाद मिट्टी का तापमान नियंत्रित करने में मदद करती है।
  • पौधों में फलों-फूलों का उत्पादन तथा पौधों की ग्रोथ बढ़ाने में जैविक खाद सहायक होती है।
  • गार्डन की मिट्टी में नमी को बनाये रखती है, जिससे पौधों को बार बार पानी देने की जरुरत नहीं होती है।
  • इसके (जैविक खाद) इस्तेमाल से मिट्टी में वायु का संचार अच्छा होता है, जिससे पौधों की जड़ों को भरपूर ऑक्सीजन मिलती है।

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जैविक खाद का उपयोग – Use Of Organic Fertilizers In Home Gardening In Hindi

होम गार्डन में लगे पेड़-पौधों के लिए घर पर तैयार की गयी जैविक खाद या ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर का उपयोग आप निम्न तरीके से कर सकते हैं, जैसे:

  • गमले या गार्डन की मिट्टी तैयार करते समय मिट्टी में 20-30% जैविक खाद (ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर) मिलाएं।
  • आप ग्रो बैग या गमले की मिट्टी में लगे पौधों में ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर का उपयोग साइड ड्रेसिंग के रूप में कर सकते हैं।
  • इसके अतिरिक्त आप अपने होमगार्डन में लगे पौधे की ग्रोथ बढ़ाने के लिए हर 30-45 दिन के अन्तराल में जैविक खाद का उपयोग कर सकते हैं।

होम गार्डन में जैविक खाद के उपयोग से पेड़-पौधों को अनेक फायदे होते हैं, अगर आप स्वस्थ व हेल्दी सब्जियां प्राप्त करना चाहते हैं, तो ऊपर बताई गयी जैविक खाद बनाने की विधि को अपनाकर आज ही अपनी आर्गेनिक खाद को बनाना शुरू कीजिये और देखिये ऑर्गेनिक खाद से पौधों में होने वाले चमत्कार को। गार्डनिंग से रिलेटेड और भी उपयोगी लेख पढ़ने के लिए Organicbazar.net पेज पर जाएं।

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