कृष्णा फल (Passion Fruit) की खेती से सम्बंधित जानकारी
पैशन फ्रूट को भारत में कृष्ण कमल और कृष्णा फल के नाम से भी जाना जाता है। पैशन फ्रूट मूल रूप से एक अमेरिकन फल है, जो मुख्य रूप से उष्ण कटिबंधीय तथा उप- उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। यदि हम कृष्णा फल के स्वाद की बात करे, तो यह स्वाद में खट्टा होता है, परन्तु स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है |
जिसके कारण भारतीय बाजार में इसकी मांग बढ़नें लगी है | यहाँ तक कि कृष्णा फल की खेती भारत के दक्षिणी राज्यों में की जा रही है |
Contents
- 1 कृष्णा फल (Passion Fruit) की खेती से सम्बंधित जानकारी
- 1.1 कृष्णा फल (पैशन फ्रूट) के बारें में जानकारी (Information About Passion Fruit)
- 1.2 कृष्णा फल (पैशन फ्रूट) की खेती कैसे करे (How to Cultivate Passion Fruit)
- 1.3 कृष्णा फल के पौधे या नर्सरी बनानें की जानकारी (Passion Fruit Plant or Nursery)
- 1.4 कृष्णा फल से स्वास्थ्य लाभ (Passion Fruit Health Benefits)
- 1.5 पैशन फ्रूट में पाए जानें वाले पोषक तत्व (Passion Fruit Nutrients)
दुनियाभर में कृष्णा फल की लगभग 500 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती है, जिसमें से पीले और बैंगनी रंग के पैशन फ्रूट का उत्पादन सबसे अधिक मात्रा में किया जाता है | भारतीय बाजार में यह फल लगभग 300 से 350 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिलता है | यदि आप भी पैशन फ्रूट की खेती करना चाहते है, तो आईये जानते है कि कृष्णा फल (पैशन फ्रूट) की खेती, Passion Fruit Ki Kheti, Passion Fruit Cultivation in India का बारें में |
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कृष्णा फल (पैशन फ्रूट) के बारें में जानकारी (Information About Passion Fruit)
भारत एक कृषि प्रधान देश होनें के कारण यहाँ विभिन्न प्रकार की फसलों के साथ ही सब्जियों और फलों की खेती भी की जाती है | चूँकि पैशन फ्रूट अमेरिकी मूल का फल है, परन्तु इससे मिलनें वाले फायदे की वजह से अब इसकी खेती भारत की विभिन्न राज्यों में की जा रही है| दरअसल इस फल के उत्पादन से किसानों को काफी अच्छी आय प्राप्त हो रही है| पैशन फ्रूट को औषधीय गुणों का भंडार कहा जाता है और लोग इसे अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल करते है| यह कैंसर से ग्रसित लोगो के लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध हुआ है, ज्यादातर लोग इस फल के जूस का सेवन करते है|
अमेरिकी मूल के इस पैशन फ्रूट को हिन्दी में कृष्णा फल के नाम से जाना जाता है। बैंगनी रंग के कृष्णा फल का वनस्पति वैज्ञानिक नाम (Passiflora Edulis Sims) है, जबकि पीले रंग के पैशन फ्रूट का साइंटिफिक नेम (Passiflora Edulis F. Flavicarpa Deg.) है। पैशन फ्रूट एक बेलनुमा पौधा होता है, जिसमें अंडे के आकार में फल लगते है | हालाँकि इनका रंग उसकी प्रजाति के अनुसार अलग-अलग पीला या बैंगनी हो सकता है | इस फल का उत्पादन कम और मार्केट में मांग अधिक होनें के कारण कई कम्पनियां किसानों के साथ मिलकर इसकी खेती करायी जा रही है |
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कृष्णा फल (पैशन फ्रूट) की खेती कैसे करे (How to Cultivate Passion Fruit)
कृष्णा फल अर्थात पैशन फ्रूट पैसिफ्लेरेसिया (Paciflaresia) फैमिली का है और इस फल का आयत सबसे अधिक भारत और ब्राजील में होता है| कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक पहाड़ी क्षेत्रो में इस फल उत्पादन अच्छा होता है| इस फसल में अधिक पानी आवश्यकता की आवश्यकता नही होती है| इस फसल की अच्छी पैदावार के लिए 15 से 30 डिग्री तक तापमान होना चाहिए, इस तापमान में फलों की गुणवत्ता बनी रहती है | पैशन फ्रूट की खेती के लिए सूखी रेतीली मिट्टी को सबसे उपयुक्त माना जाता है और इसकी रोपाई के लिए वर्षा के शुरुआत का समय सबसे अच्छा माना जाता है |
पैशन फ्रूट एक बेलनुमा पौदा होता है और यह बरसात के शुरूआती समय में लगाया जाता है, जिसमें अक्टूबर महीने के आस-पास फूल निकलनें लगते है और नवंबर-दिसंबर तक इसमें फल लगनें लगते है| किसान को यह फल अप्रैल तक मिलते रहते है, इस का आकार लगभग सेब के बराबर होता है | यदि हम इसके वजन की बात करे, तो एक फल का वजन 100 से 130 ग्राम तक होता है |
कृष्णा फल एक बीघे में लगभग 240 पौधे लगते है, इन पौधों को एक कतार में लगाया जाता है | एक कतार से दूसरे कतार की दूरी 12 फीट और पौधों के बीच की दूरी 8 फीट रखी जाती है| यदि हम इसके पौधे की बात करे तो मार्केट में पैशन फ्रूट के 1 पौधे की कीमत लगभग 80 रुपये से लेकर 150 रुपये तक होती है | 1 बीघे में इस फल का उत्पादन लगभग 25 क्विंटल होता है |
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कृष्णा फल के पौधे या नर्सरी बनानें की जानकारी (Passion Fruit Plant or Nursery)
यदि आप कृष्णा फल अर्थात पैशन फ्रूट की खेती करना चाहते है, तो महत्वपूर्ण चीज गुणवत्ता वाले पौधों (Quality Plating Material) की आवश्यकता होगी। वैसे तो आपको यह पौधे नर्सरी में मिल जायेगे | यदि किसी करणवश वहां पौधे उपलब्ध नहीं है, तो आप स्वयं नर्सरी तैयार कर कृष्णा फल की पौध तैयार कर सकते हैं। आप पैशन फ्रूट या कृष्णा फल की नर्सरी 2 प्रकार से तैयार कर सकते है| पहले तरीके के अंतर्गत आप इसके बीजो को बोनें के पश्चात नर्सरी तैयार करें परन्तु इसमें आपका समय और श्रम दोनों अधिक लगेंगे|
दुसरे तरीके के अंतर्गत आप कृष्णा फल की कटिंग को नर्सरी में लगाकर इसकी पौध तैयार करे, इसमें आपको समय भी कम लगेगा और खेत में लगानें के लिए पौधे भी शीघ्र मिल जाते है| इसके पौधे लगाने का उपयुक्त समय मानसून का होता है| जून माह में 15 तारीख के बाद अर्थात बारिश समाप्त होनें तक आप अपनें खेतों में पैशन फ्रूट के पौधों को लगा सकते है |
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कृष्णा फल से स्वास्थ्य लाभ (Passion Fruit Health Benefits)
पैशन फ्रूट अर्थात कृष्णा फल में विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने की क्षमता होती हैं | इसमें केले, लीची और अनानास जैसे अन्य फलों की अपेक्षा पॉलीफेनॉल उचित मात्रा में पाया जाता है | इस फल का प्रतिदिन सेवन करनें से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है | इसके आलावा इस फल के सेवन से हमें अन्य कई लाभ प्राप्त होते है, जो इस प्रकार है-
- कैंसर (Cancer) के प्रभाव को कम करने में सहायक
- मधुमेह अर्थात शुगर को नियंत्रित करने में सहायक
- हृदय रोगियों (Heart Patients) के लिए लाभकारी
- श्वास से सम्बंधित समस्याओं औरश्वसन तंत्र को मजबूत करने में सहायक
- हड्डियों को मजबूत बनानें में सहायक
- प्रतिरक्षा प्रणाली अर्थात इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है
- अनिद्रा अर्थात नींद न आने की समस्या को दूर करने में सहायक
- शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को सही रखने में सहायक
- पाचन तंत्र (Digestive System) को मजबूत बनानें में सहायक
- शरीर के वजन (Body Weight) को नियंत्रित करने में सहायक
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पैशन फ्रूट में पाए जानें वाले पोषक तत्व (Passion Fruit Nutrients)
पैशन फ्रूट की न्यूट्रीशनल वैल्यू प्रति 100 ग्राम गूदे में | ||
क्र.सं. | पोषक तत्व का नाम | मात्रा |
1. | ऊर्जा | 406 कैलोरी |
2. | कार्बोहाइड्रेट | 22.4 ग्राम |
3. | शुगर | 11.2 ग्राम |
4. | फाइबर | 10.4 ग्राम |
5. | फैट | 0.7 ग्राम |
6. | प्रोटीन | 2.2 ग्राम |
7. | विटामिन | 8% डीवी |
8. | विटामिन-ए इक्विव बीटा कैरोटीन | 7 प्रतिशत (743 माइक्रोग्राम) |
9. | रिबोफाल्विन (बी-2) | 11 प्रतिशत (0.13 मि.ग्रा) |
10. | नियासिन (बी-3) | 10 प्रतिशत (1.5 मि.ग्रा.) |
11. | विटामिन (बी-6) | 8 प्रतिशत (0.1 मि.ग्रा) |
12. | फोलेट (बी-9) | 4 प्रतिशत (14 माइक्रोग्राम) |
13. | कोलीन | 2 प्रतिशत 7.6 (मि.ग्रा) |
14. | विटामिन-C | 36 प्रतिशत (30 मि.ग्रा) |
15. | विटामिन-के | 1 प्रतिशत (0.7 माइक्रोग्राम) |
16. | खनिज | 0.7 ग्राम |
17. | कैल्शियम | 1 प्रतिशत (12 मि.ग्रा) |
18. | आयरन | 12 प्रतिशत (1.6 मि.ग्रा.) |
19. | मैग्नीशियम | 8 प्रतिशत (29 मि.ग्रा.) |
20. | फास्फोरस | 10 प्रतिशत (68 मि.ग्रा.) |
21. | पोटेशियम | 7 प्रतिशत (348 मि.ग्रा.) |
22. | सोडियम | 2 प्रतिशत (28 मि.ग्रा.) |
23. | जिंक | 1 प्रतिशत (0.1 मि.ग्रा.) |
24. | अन्य घटक पानी | 72.9 ग्राम |
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