छाया में उगाई जा सकने वाली सब्जियां

घरों में बागवानी करने की मुख्य समस्या है सूर्य का अपर्याप्त प्रकाश। ऊँची दीवारों और पेड़ों के चलते अधिकाँश जगहों पर पर्याप्त धूप नहीं पहुँच पाती है, जिसके कारण पौधों को उगाना कठिन हो जाता है। अधिकांश सब्जियों को सुचारू रूप से फलने फूलने के लिए 6 से 8 घंटे की धूप की जरूरत होती है।लेकिन कुछ ऐसी सब्जियां भी हैं जिन्हें इससे कम धूप में भी आसानी से उगा सकते हैं। कम धूप या बिना धूप में उगाने वाली सब्जियों का विवरण इस लेख में देखें:


छाया में लगाने योग्य सब्जियों की चर्चा करने के पहले आवश्यक है कि हम छाया के प्रकारों को समझें। आमतौर पर स्थिति के अनुसार छाया के तीन प्रकार होते हैं;

(1) पूरा उजाला( Full Sun ) वह क्षेत्र जहाँ सूर्य का प्रकाश पूरे दिन रहता है ।


(2) आंशिक छाया (partial shade) यानी वह क्षेत्र जहाँ सूर्य का प्रकाश पूरे दिन में आधे से भी कम समय के लिए रहता है या पूरे दिन फ़िल्टर्ड धूप आती हो, तथा
(3) पूर्ण छाया (full shade) वाले क्षेत्र जहाँ पूरे दिन में 2 घंटे से भी कम सीधी धूप पहुँचती हो।

सब्जियां जिन्हें छाया में उगाया जा सकता है


आंशिक छाया की स्थिति में जो सब्जियां अच्छी तरह से उगाई जा सकती है, उनमें मुख्य हैं, पत्तीदार सलाद जैसे ब्रसेल्स स्प्राउट्स, सेलेरी, काले, पालक, लीक, लेट्यूस आदि; कंद या जड़ वाली सब्जियां जैसे आलू, मूली, गाजर, अरबी, शलजम, चुकंदर, लहसुन, प्याज, अदरख, शकरकंद आदि; पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली, खीरा, बीन्स, टमाटर आदि।

पूर्ण छाया में उगाई जाने वाली सब्जियां

जिमीकंद, हल्दी, अदरख, माइक्रोग्रीन्स  जैसे पौधों को पूर्ण छाया वाली जगहों पर भी उगाया जा सकता है। मशरूम ऐसी सब्जी है जिसे अंधेरे स्थानों में उगाया सकते हैं।

आंशिक छाया में पौधे उगाने के कुछ बातों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। इनमें से प्रमुख हैं;

  • अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी: आंशिक या पूर्ण छाया वाले स्थान में उगाने के लिए ऐसी मिट्टी लेना चाहिये जिसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व उपस्थित हों। मिट्टी का उचित मिश्रण बनाने के लिए 50% गार्डन मिट्टी, 20% गोबर की खाद, 10% वर्मीकम्पोस्ट, कोकोपीट 10%, 10% रेत और अन्य जैविक उर्वरक जैसे कि बोनमील, नीम केक का प्रयोग करना चाहिये।
  • उचित पानी: छायादार स्थानों पर लगाये गए पौधों को धूप में लगे पौधों की अपेक्षा कम पानी की आवश्यकता होती है।
  • मल्चिंग: मिट्टी को अधिक समय तक नम बनाए रखने के लिए घास की मल्चिंग का उपयोग करना चाहिये।
  • हानिकारक जीवों से बचाव: छायादार स्थानों पर पौधे उगाने पर स्लग (slugs) व घोंघों (snails) का अधिक प्रकोप होता है। इनकी रोक-थाम के लिए नीम तेल और साबुन के घोल का स्प्रे करना चाहिये।

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